Our Mission

View Certificates

  • bootstrap business template
    Certificate 1
  • bootstrap business template
    Certificate 2
  • bootstrap business template
    Certificate 3
  • bootstrap business template
    Certificate 4
  • bootstrap business template
    Certificate 5
  • bootstrap business template
    Certificate 6
  • bootstrap business template
    Certificate 7

Our Mission

business templates

मानव प्रकृति का सर्वश्रेष्ठ प्राणी हैं तथा यह एक समाज में जीवन यापन करता हैं | समस्त प्राणियों में इसके श्रेष्ठ होने का प्रमुख माध्यम इसका सामाजिक संगठन तथा उत्तरोतर विकास की संरक्षण प्रक्रिया जिसे विज्ञानं कहते हैं , के द्वारा प्राप्त हुआ है | समाज में प्रत्येक मानव को नैतिक रूप से उसके समाज द्वारा निर्धारित कर्तव्यों तथा परम्पराओं को अंगीकृत तथा अनुपालन करने की जहाँ बाध्यता होती है , वहीँ उसके अधिकारों के संरक्षण तथा मर्यादा व आचरण की कठिनाईयों के निराकरण का दायित्व उसके समाज को होता है | स्पष्ट है कि यदि समाज के सभी लोग अपने सामाजिक दायित्वों तथा कर्तव्यों  का  निष्ठापूर्वक पालन करें तो अधिकार तथा मर्यादा की रक्षा के लिए किसी प्रयास की आवश्यकता ही नहीं होगी किन्तु सामाजिक स्तर पर अपने कर्तव्य व आचरण की पवित्रता के अभाव में मानव अधिकारों पर  लोग प्रहार करते हैं जिसके फलस्वरूप इसके संरक्षण हेतु अनेक उपाय करने पड़ते हैं ताकि सामाजिक समरसत्ता के साथ समाज बना रह सके तथा प्रत्येक व्यक्ति उसमे सुरक्षित रहते हुए समाज में अपना योगदान कर सके| हमारे देश का सामाजिक ढांचा काफी प्राचीन है तथा हमारी सभ्यता विश्व के प्राचीन तथा उन्नत सभ्यताओं में से एक रही है | प्रत्येक समाज का विकास तभी होता है जब उसका प्रत्येक सदस्य उसे अपना समझे और यह तभी  संभव है जब उसके अधिकार  उस समाज द्वारा रक्षित हों | प्राचीन भारतीय सभ्यता तथा संस्कृति के ग्रंथों में प्राणी मात्र के हित का उद्देश्य वैदिक साहित्य में सर्वत्र दृष्टिगत होते हैं | वैदिक सभ्यता के सदघोष में "सर्वभुत हिते रताः" , "वसुधैव कुटुम्बकम", "योगक्षेम वहाम्यहम "  के साथ ही पुराण काल,उपनिषद तथा अन्य धार्मिक ग्रंथों में भी समाज के प्रत्येक व्यक्ति के मानवीय अधिकारों को पूर्ण संरक्षण देने की अवधारणा प्रमुख रूप से पायी जाती है | स्पष्ट है कि मानव अधिकारों के प्रति समाज शुरू से ही जागरूक तथा संरक्षण हेतु प्रयत्नशील  रहा है तथा आज भी है |

 

 हमारे उद्देश्य
  • मानव समाज कल्याण में मानवाधिकार के प्रति जागृति लाने का प्रयास करना |
  • समाज को मानवाधिकारों की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करना एवं भारतीय समाज में वर्णित मानवाधिकारों   का ज्ञान कराना |
  • भारत सरकार द्वारा पारित मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम १९९३ का जन-जन में प्रचार प्रसार करना जिससे आम आदमी उसका लाभ प्राप्त कर सके|
  • राष्ट्रीय  मानवाधिकार आयोग , राज्य मानवाधिकार आयोगों एवं विदेशों में गठित मानवाधिकार आयोगों के संपर्क में रह कर उनकी सेवाएँ आम आदमी को मुहैया कराने का प्रयास कराना |
  • समाज के विभिन्न वर्गों के उत्पीड़न के निराकरण हेतु शासन प्रशासन राष्ट्रीय  मानवाधिकार आयोग , मानवाधिकार न्यायालाओं  एवं अन्य स्तरों  पर समुचित न्याय दिलाने सम्बंधित प्रयास करना |
  • मानवाधिकारों के हनन करने वाली ताकतों के विरुद्ध सतत संघर्ष करना |
  • मानव-मानव के बीच कटुता, हिंसा, वैमनस्यता, घृणा का वातावरण समाप्त करा कर आपसी प्रेम व शांति का सन्देश विश्व के कोने कोने में पहुचाने का प्रयत्न करना|
  • शासन प्रशासन  की मानवोपयोगी नीतियों के सफल क्रियान्वन में पूर्ण सहयोग प्रदान करना |
  • अच्छे आचरण हेतु समय समय पर कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षण देना ताकि लोग आचरण एवं अधिकारों के बीच तारतम्य स्थापित कर सकें |
  • अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन के संरक्षक न्यायमूर्ति एच० एन० तिलहरी  होंगे | संस्था के समस्त कार्य उनके संरक्षण में संपन्न होंगे |

मानाधिकार के बारे में !

मानवाधिकार का हनन मानव द्वारा ही किया जाता है चाहे वह व्यक्ति दबंग हो या सरकारी लोक सेवक| इसमें विभाग या कुर्सी से कोई मतलब नहीं होता| उत्पीड़नकर्ता चाहे कितना ही उच्च या सशक्त पद पर हो , परिवार में उसकी हैसियत एक साधारण अभियुक्त जैसी होती तथा उसे व्यक्तिगत तौर पे न्यायलय प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है| उस समय उसे मानव उत्पीड़न का एहसास हो जाता है|

Amaa.org.in

हमारा उद्देश्य
एसोसिएशन के चर्चा में आते ही समाज विरोधी तत्वों, मनमाने नौकरशाही दलालों, अत्याचारी पुलिस व दबंगों में तहलका मच गया है | वो अपनी मनमानी में अंकुश लगना देख संगठन का विरोध करने लगे हैं | आम पीड़ित व्यक्ति इसके माध्यम से न्याय , उपचार एवं सुरक्षा प्राप्त कर रहे हैं तथा प्रतिदिन सदस्यों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ रही है |

हमारी सक्रियता
देश एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर में मानवाधिकारों के लिए समर्पित एवं सजं बुद्धजीवियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अशासकीय सामाजिक संगठन "अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन" का गठन अभी हाल ही में ९ अप्रैल २००९ को किया गया है जिसे केंद्रीय सरकार द्वारा पंजीयन संख्या ५/६५३४०/ प्रदान की गयी

Subscription

Address

Camp Office
150 M/20 A Chakmira Patti Dhoomanganj Allahabad-211003
Phone: 6391883000, 6391893000
Email: info@amaa.org.in


<
Find us on

Visit us

Central and Administrative Office
G 12 United Plaza Kadkad Duma Commentry Center Delhi 110092
Phone: 011-43014819, 09717021481, 09453460269
Email: info@amaa.org.in

Visit us

AMAA Control Room
Sector-2 , Vaishali , Ghaziabad, Uttar Pradesh
Contact Person: Jeet Singh Rawat(Control Room Prabhari)
Phone: 9873040033
Email: info@amaa.org.in


© 2012, allright reserved

Style Selector
Oregional Skin
bootstrap business templates
Bootswatch Skins (11)
bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates

These are just examples and you can build your own color scheme in the backend.

Background Patterns
bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates bootstrap business templates